बाहर-भीतर
बाहर-भीतर
| Author | रामदरश मिश्र |
| Year of Issue | 2016 |
| Publication Name | इंद्रप्रस्थ प्रकाशन |
| Link | https://www.hindibook.com/index.php?p=sr&format=fullpage&Field=bookcode&String=9788171501397 |
Description
'बाहर-भीतर' रामदरश मिश्र की तीसरी डायरी-पुस्तक है। इस पुस्तक का भी मूल चरित्र वही है जो पहले की दो पुस्तकों 'आते-जाते दिन' और 'आस-पास' का है। यानी इसमें भी घर और मन के बाहर-भीतर की वस्तुगत और भावगत यात्राएँ है। इसमें भी प्रकृति है, मनुष्य हैं, उनके आपसी सम्बन्ध हैं, आस-पास का सुख-दुख है, कुछ यात्राएँ हैं, कुछ विमर्श हैं, कुछ संवाद हैं, कुछ उपलब्धियाँ हैं, कुछ रिक्तताएँ हैं। वे आयोजित नहीं हैं, समय के प्रवाह में सहज क्रम से आये हैं। मिश्रजी कवि हैं, कथाकार हैं, चिंतक हैं अतः उनकी तीनों वृत्तियों ने डायरी-लेखन में आवश्यकतानुसार अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाह किया है-अत्यंत स्वाभाविक रूप से। पाठक इन तीनों द्वारा सृजित संश्लिष्ट सौन्दर्य का अनुभव करता है।