सूखता हुआ तालाब

सूखता हुआ तालाब

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 2009
Publication Name वाणी प्रकाशन
Link https://www.amazon.in/-/hi/Ramdarash-Mishra/dp/818143269X

Description

सूखता हुआ तालाब - रामदरश मिश्र ने अपने उपन्यास 'सूखता हुआ तालाब' में ग्राम्य जीवन के आंचलिक परिवेश, ग्रामीणों के रहन-सहन, बनते-बिगड़ते सम्बन्ध आदि का अत्यन्त यथार्थ चित्रण किया है। उन्होंने सत्य को देखते हुए एक सत्य कथा निर्मित भी की है। अंचल की स्वाधीनता, ग्रामीण जीवन के टूटते मूल्य एवं यथार्थ का व्यंग्यपूर्ण चित्रण इस लघु उपन्यास की ख़ासियत है। 'सूखता हुआ तालाब' उपन्यास का मूल उद्देश्य एक समस्या की ओर पाठकों का ध्यान दिलाना है जिसमें जल केन्द्र में है। जल की समस्या को सामने रखते हुए इस समस्या को सिरे से उठाया गया है कि यह किसान के लिए तो गम्भीर है ही साथ ही महानगरों के लिए भी आने वाले समय में जल की कमी कमी भयंकर समस्या बनकर सामने आयेगी। लगभग 80 पन्नों का यह उपन्यास अपने आप में पूर्ण है जो पाठकों को अपने भविष्य पर विचार करने के लिए एक मंच देता है।