कंधे पर सूरज

कंधे पर सूरज

Author रामदरश मिश्र
Year of Issue 1966
Publication Name राधाकृष्ण प्रकाशन
Link 1-B, नेताजी सुभाष मार्ग , दरियागंज , दिल्ली , 110002

Description

'कंधे पर सूरज' रामदरश जी की कविताओं के निस्संदेह बहुत उत्तम संग्रह हैं, जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हुई है. उनकी रचना-यात्रा का यह शिखर-काल है. इन संग्रहों की दर्जनों ऐसी कविताएं हैं, जिन्हें बार-बार उद्धृत किया गया है और जिनकी चर्चा के बगैर नई कविता या समकालीन कविता की व्याख्या पूरी नहीं हो सकती. 'कंधे पर सूरज' खुद में एक लाजवाब कविता है और उसे हिंदी की शीर्ष उपलब्धियों में गिना जाना चाहिए. इसी संग्रह में 'साक्षात्कार' शीर्षक वह लंबी कविता है, जिसमें समकालीन जीवन-यात्रा के बहुत कठोर बिंब हैं, और जिसे पढ़ते हुए का समकालीन कविता का साठोत्तरी दौर हमारी आंखों के आगे कौंध जाता है. 'गठरी', 'लौट आया हूं मेरे देश', 'एक जंगल', 'वह इसी मौसम में आता है', 'छुट्टियों के दिन', 'बोध' शीर्षक से लिखी गई छह कविताएं, 'अपने से अपने तक', 'रावण का पुतला', 'यही होना है', 'एक दिन' इस संग्रह की बार-बार पढ़ी जाने लायक लाजवाब कविताएं हैं।

 वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाश मनु